वर्षों - वर्षों से हम सुनते आ रहे हैं कि सफाई परमात्मा का दूसरा रूप है ( Cleanliness is Second to Godliness ) यह भी कि ईश्वर को सफाई पसंद है | जहां तक विद्यार्थी जीवन की बात है , उनके लिए पढ़ाई के साथ-साथ स्वच्छता का अहम रोल है | शुद्ध पानी ,शरीर की सफाई, कक्षाओं की सफाई, अपने बैग तथा कापी - पुस्तकों की संभाल , अपने आस - पास के वातावरण की सफाई आदि ऐसे पहलू हैं जिन पर उनको ध्यान देना होता है | विद्या का मंदिर , जहां हम शिक्षा ग्रहण करते हैं , उसका पूरा परिवेश साफ - सुथरा है तो पढ़ाई में मन लगता है | प्रदूषण से बचाव भी इसी कड़ी में आता है | मैं यहां पर यह भी कहना चाहूंगा कि प्रदूषण चाहे बाहर का हो या भीतर मन का दोनों ही हानिकारक है | युवा पीढ़ी को उचित मार्गदर्शन देना बहुत कुछ शिक्षक वर्ग पर निर्भर करता है | सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक करना , नशे से बचने की प्रेरणा देना ,माता-पिता गुरुजनों का सम्मान करना , यह सब भीतर की सफाई के पहलू हैं | यह सब छात्र अभिभावक एवं अध्यापक समाज का उत्तरदायित्व
है कि सभी मिलजुल कर निष्ठा पूर्वककर्तव्यों का निर्वाह करें |
धन्यवाद
श्री सुरेश सिंगला
चेयरमैन